निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता की होगी जांच, अनियमिता होने पर रद्द होगी मान्यता

लखनऊ ,प्रदेश में बहुत सारे निजी नर्सिंग पैरामेडिकल कॉलेज हैं जो मानक के अनुरूप नहीं हैं. ऐसे सभी निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता की जांच कराई जाएगी. इन कॉलेजों की छह जुलाई से पांच अगस्त के बीच केंद्रीय टीम स्थलीय सत्यापन करेगी. इसमें कॉलेज की व्यवस्था मानक के अनुसार न मिलने पर मान्यता रद्द की जा सकती है. इसके बाद संबंधित कॉलेज में दाखिला लेने पर रोक लगाई जा सकती है. यह बात उत्तर प्रदेश मेडिकल फैकल्टी के सचिव डॉ. आलोक कुमार ने कही है.

प्रदेश में करीब 11 सौ से ज्यादा निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज हैं. इन कॉलेजों के पाठ्यक्रमों की एनओसी के लिए प्रशिक्षण केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण होता है. इसमें इंडियन नर्सिंग काउंसिल व उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी की ओर से निर्धारित मानक नहीं पाए जाने पर दाखिले की अनुमति नहीं दी जाती है. कई बार शिकायतें मिलती हैं कि टीम के मौके पर जाने पर कॉलेज प्रबंधन निरीक्षण नहीं कराता है. ऐसे में उत्तर प्रदेश मेडिकल फैकल्टी के सचिव डॉ. आलोक कुमार ने सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्य व प्रबंधकों को निर्देश दिया है कि छह जुलाई से पांच अगस्त के बीच स्थलीय सत्यापन करने जाने वाली टीम को सहयोग करें. यदि संबंधित कॉलेज ने निरीक्षण नहीं कराया तो कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दाखिले की मान्यता न मिलने पर सारी जिम्मेदारी संबंधित संस्थान की होगी.

नर्सिंग और पैरामेडिकल में बहुत सारे कोर्सेज होते हैं. जिसमें एएनएम, जीएनएम, बीएससी पैरामेडिकल में अलग-अलग कोर्स है जिसकी अलग मानक और प्रारूप हैं. मानकों को लेकर पारदर्शिता रखी गई है, ताकि सभी को नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज के मानक के बारे में जानकारी रहे और उसी के आधार पर कॉलेज स्थापित हो. जब कोई कॉलेज पात्रता के लिए आवेदन करता है तो उसकी पूरी पुष्टि की जाती है. संबंधित कॉलेज की सारी जानकारी ली जाती है कि वह कॉलेज मानक के अनुसार स्थापित हुआ है या नहीं हुआ है. अगर वह कॉलेज मानक के अनुसार खुला नहीं होता है तो उसे मान्यता प्राप्त नहीं होती है. जब कोई मान्यता के लिए आवेदन करता है तो उसकी जांच के लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल फैकेल्टी एसोसिएशन और संबंधित जिला प्रशासन की ओर से टीम गठित की जाती है.

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