वॉशिंगटन अमेरिका केमिकल वेपंस फ्री देश हो गया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की कि केंटुकी में अमेरिकी सेना की ब्लू ग्रास आर्मी डिपो ने अपने दशकों पुराने केमिकल हथियारों के स्टॉक को खत्म कर दिया है।
अमेरिका ने 70 सालों तक इन हथियारों को स्टोर किया था। अमेरिकी सेना को हथियारों को नष्ट करने में तीन लाख करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं। भारत भी अपने केमिकल हथियार नष्ट कर चुका है।
दरअसल, दुनिया को केमिकल हथियारों से छुटकारा दिलाने के लिए 1997 में एक वैश्विक प्रयास शुरू किया गया था। रूस ने 2017 में अपने सभी केमिकल हथियार नष्ट किए थे।
विदेश मंत्री ने बताया बड़ा कदम
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने हमारे रासायनिक हथियारों के भंडार को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया है। एक एक बड़ा कदम है।
US Secretary of State, Antony Blinken tweets, "The United States has successfully completed destruction of our chemical weapons stockpile, marking a major step forward under the Chemical Weapons Convention."
(File photo) pic.twitter.com/Uk82NFqD7V
— ANI (@ANI) July 8, 2023
अमेरिका पहले अपने केमिकल हथियार समुद्र में फेंकना चाहता था, लेकिन लोगों के विरोध जताने के बाद उसने अपना फैसला वापस ले लिया। अब केमिकल हथियारों को नष्ट करने के लिए रोबोटिक मशीन की मदद ली गई। इन हथियारों को शेल्स में खोलकर, सुखाकर और धोकर 1500 डिग्री फारेनहाइट पर जलाया गया।
OPCW ने कहा- दुनिया को अभी सतर्क रहना होगा
केमिकल हथियार निषेध संगठन (OPCW) के प्रमुख फर्नांडो एरियस ने कहा कि सभी घोषित रासायनिक हथियारों के भंडार को नष्ट करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ओपीसीडब्ल्यू ने चेतावनी दी कि रासायनिक हथियारों के हालिया उपयोग का मतलब है कि दुनिया को अभी भी सतर्क रहना होगा।