नही सुना होगा ऐसे हैवान प्रेमी के बारे में जिसने प्रेमिका के हाथ-पैर बांधे फिर जिंदा कब्र में दफना दिया

नई दिल्ली, आस्ट्रेलिया में साल 2021 में एक 21 वर्षीय भारतीय छात्रा की हत्या कर दी गई थी. नए खुलासों के अनुसार उसे उसके पूर्व प्रेमी ने ‘प्रतिशोध’ में तार से बांध कर जिंदा दफना दिया था. छात्रा जसमीन कौर का 23 साल के तारिकजोत सिंह ने 2021 में उत्तरी प्लायम्टन में उसके ऑफिस से पीछा किया और उसे किडनैप कर फ्लिंडर्स रेंज ले गया, जहां बुरी तरह मारपीट कर एक कम गहराई वाली कब्र में दफना दिया गया.

पीड़िता की मां के अनुसार, तारिकजोत जिसने इस साल फरवरी में हत्या का अपराध स्वीकार किया था, जसमीन का दीवाना था और उससे शादी करना चाहता था. एबीसी न्यूज के अनुसार बुधवार को दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई सुप्रीम कोर्ट में सजा सुनाते हुए अभियोजक कारमेन माटेओ एससी ने कहा कि 5 मार्च 2021 को सिंह द्वारा उसके कार्यस्थल से अपहरण किए जाने के बाद जसमीन को ‘पूर्ण आतंक’ सहने के लिए मजबूर किया गया था.

अदालत ने सुना कि तारिकजोत द्वारा अपहरण किए जाने के बाद नर्सिंग छात्रा को ‘असामान्य क्रूरता’ का सामना करना पड़ा. उसे टेप और तारों से बांध दिया गया और आंखों पर पट्टी बांधकर और होश में रहते हुए जिंदा दफना दिया गया. तारिकजोत के अपराध के विवरण को रेखांकित करते हुए माटेओ ने अदालत को बताया कि उसने जसमीन के गले पर ‘सतही’ घाव थे, लेकिन वे उसकी मौत का कारण नहीं थे.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि जसमीन की मृत्यु 6 मार्च 2021 को हुई थी. अभियोजक ने अदालत को बताया, “(यह) एक हत्या थी जो प्रतिशोध की भावना से या बदले की कार्रवाई के रूप में की गई थी.’ सीसीटीवी फुटेज में पता चला है कि हत्या से कुछ घंटे पहले तारिकजोत ने एक हार्डवेयर स्टोर से दस्ताने, तार और एक फावड़ा खरीदा था. उसने हत्या की योजना बनाई क्योंकि वह अपने रिश्तेW का टूटना बर्दाश्‍त नहीं कर पा रहा था.

तारिकजोत का प्रतिनिधित्व कर रहे मार्टिन एंडर्स ने कहा कि संबंध टूटने के बाद उसकी सोचने-समझने की शक्ति बेहद कमजोर हो गई थी. जैस्मीन की मृत्यु के बाद उसे मतिभ्रम का अनुभव होने लगा था. लेकिन न्यायमूर्ति एडम किम्बर ने कहा कि तारिकजोत ‘उसे (जसमीन को) अस्वीकार किए जाने की सजा दे रहा था’, और अनिवार्य आजीवन कारावास की सजा सुनाई’ सजा के दौरान गैर-पैरोल अवधि अगले महीने निर्धारित की जाएगी. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में हत्या के लिए न्यूनतम 20 साल की गैर-पैरोल अवधि अनिवार्य है.

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