लखनऊ, ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सोमवार से परिषदीय विद्यालयों की रौनक एक बार फिर से लौट आई। पहले दिन बारिश के साथ ही विद्यालय में फूल-माला और रोली-टीका के साथ बच्चों का स्वागत हुआ। पुराने लखनऊ में बारिश ने बच्चों के स्कूल जाने में बाधा पहुँचाई.
स्कूल खुलने पर बच्चों को पढ़ने के लिए नई किताबें मिलीं तो खाने के लिए खीर-पूड़ी और कई जगह मिठाई तक का इंतजाम भी हुआ। पहला दिन था, इसलिए बच्चों की उपस्थिति बेहद कम रही है। उपस्थिति कम रहने में बारिश, रास्तों और स्कूल परिसर में भरा बरसात का पानी भी बड़ी वजह रही।
बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने स्कूल खुलने के पहले दिन बच्चों का स्वागत करने का निर्देश दिया था। इसका असर ज्यादातर विद्यालयों पर दिखाई दिया, लेकिन काफी जगह इसका पालन नहीं हुआ। नरही और जियामऊ समेत कई स्कूलों में बच्चों के स्वागत के निर्देश का पालन नहीं हुआ। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी माना कि बारिश की वजह से ऐसा करना संभव नहीं हो सका। एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी भी पहले विद्यालयों का हालचाल लेने निकले। अहिरान ढकवा प्राइमरी विद्यालय पहुंचकर उन्होंने बच्चों से बातचीत की तथा शिक्षकों को बेहतर काम करने के लिए प्रेरित किया।
राजधानी के हजरतगंज स्थित दो बड़े स्कूल भी सोमवार से खुल गए। सेंट फ्रांसिस और कैथेड्रल स्कूल खुलने की वजह से इस क्षेत्र में जाम की स्थिति बन गई। सुबह के समय भीगते हुए लोग अपने बच्चों को छोड़ने पहुंचे तो दोपहर को सड़क पर वाहन खड़े होने की वजह से जाम लग गया। इस दौरान कुछ छोटे बच्चे रोते हुए तो स्कूल पहुंचे तो वहीं काफी बच्चे अपने दोस्तों से मिलकर चहक उठे।