पहले शिवसेना और अब NCP में दो फाड़, शिंदे की तरह अजीत पवार ने पार्टी पर ठोका दावा, बने उप मुख्यमंत्री

मुम्बई, शिवसेना-भाजपा के प्रमुख विपक्षी दलों में से एक राकांपा में फूट पड़ गई है। राकांपा नेता अजित पवार ने रविवार को ही अपने आवास पर पहले पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और फिर सीधे राजभवन पहुंच गए।

अजित यहां महाराष्ट्र के सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस की मौजूदगी में एनडीए में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। सूत्रों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को 40 NCP विधायकों और NCP के 6 एमएलसी का समर्थन प्राप्त है।

अजित पवार के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी राजभवन पहुंचे थे। अजित पवार के शपथ लेने के साथ ही महाराष्ट्र में अब दो डिप्टी सीएम हो गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र कैबिनेट में राकांपा के नौ विधायक भी मंत्री के तौर पर शामिल किए गए हैं। इनमें छगन भुजबल से लेकर दिलीप वलसे पाटिल तक शामिल हैं। इसके अलावा जिन नेताओं को मंत्रीपद मिला, उनमें हसन मुश्रिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तत्करे, अनिल भाईदास पाटिल, बाबूराव अतराम और संजय बंसोडे शामिल हैं।

महाराष्ट्र के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपना ट्विटर बायो भी बदल दिया है। अजित पवार समेत कई एनसीपी नेताओं ने आज महाराष्ट्र में एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रेस कांफ्रेंस भी की। अजित पवार ने कहा कि आज हमने महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है और मंत्री पद की शपथ ली है। विभागों पर बाद में चर्चा होगी। राष्ट्रीय स्तर पर सभी पहलुओं पर विचार करते हुए हमने ये फैसला लिया है। हमने NCP के लगभग सभी विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार के साथ आने का फैसला लिया। हमने आज शपथ ली और अगले विस्तार में कुछ अन्य मंत्रियों को शामिल किया जाएगा।

कई लोग हमारी आलोचना करेंगे परन्तु हम उसे महत्व नहीं देते। हम महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करते रहेंगे। इसीलिए हमने यह निर्णय लिया है। हमारे अधिकांश विधायक हमारे फैसले से संतुष्ट हैं। हमने NCP पार्टी के साथ इस सरकार का समर्थन किया है। हम सभी चुनाव NCP के नाम पर ही लड़ेंगे। कुछ विधायकों से इस वक़्त संपर्क नहीं हो पा रहा क्योंकि वे देश से बाहर हैं लेकिन मैंने उन सभी से बात की है और वे हमारे फैसले से सहमत हैं।

अजित पवार ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश काम कर रहा है। वह बाहर भी प्रसिद्ध हैं तो सब उन्हें समर्थन देते हैं। वंदे भारत ट्रेन, सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत काम हुआ है। विरोधी सिर्फ अपने-अपने राज्य का देखते हैं और पीएम मोदी देश के लिए काम कर रहे हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हम साथ-साथ जाना चाहते हैं।

इस दौरान उन्होंने एनसीपी पर भी दावा ठोंका है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा विधायक और सांसद मेरे साथ हैं। पार्टी और चुनाव चिन्ह मेरा है। पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक हमारे साथ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने शरद पवार से फोन पर बात की है। पार्टी के चुनाव निशान पर चुनाव लड़ेंगे। हमें पार्टी में सभी का आशीर्वाद प्राप्त है। एनसीपी में नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। महिलाओं को भी मौका मिलना चाहिए। अजित पवार ने कहा कि राज्य के हालात को देखते हुए यह फैसला लिया है। मोदी के खिलाफ विपक्ष बिखरा हुआ है। विकास करने वाला नेतृत्व होना जरूरी है। महाराष्ट्र में विकास पर हमारा सबसे ज्यादा ध्यान है।

वहीं, छगन भुजबल ने कहा कि हमने एनसीपी के तौर पर सरकार को समर्थन दिया है। काम को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करनी होगी। पीएम मोदी के नेत्व में काम करना चाहते हैं। शरद पवार ने भी कहा था कि मोदी ही आने वाले हैंष जब पीएम ही आने वाले हैं तो हम साथ हैं।

महाराष्ट्र में हुए इस सियासी उलटफेर के बीच शरद पवार अपने पुणे स्थित घर से निकले हैं। गौरतलब है कि शरद पवार ने पहले ही अजित पवार की ओर से उनके आवास पर राकांपा की बैठक बुलाए जाने की जानकारी से इनकार किया था।

गौरतलब है कि राकांपा में इस टूट का सीधा असर शरद पवार के नेतृत्व पर पड़ सकता है। दरअसल, राकांपा के पास कुल 53 विधायक हैं, जिनमें 40 विधायकों की ओर से अजित पवार को समर्थन मिलने की बात कही गई है। ऐसे में भाजपा-शिवसेना को टक्कर देने वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को भी बड़ा झटका लगा है। इतना ही नहीं अगर अजित पवार राकांपा पर दावा ठोक देते हैं, तो पार्टी के अस्तित्व पर भी संकट आ सकता है।

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