केवल उन्हीं जानवरों की कुर्बानी दी जाए, जिन पर कानूनी प्रतिबंध नहीं है, जानिए क्या है बकरीद को लेकर एडवाइजरी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के लखनऊ (Lucknow) में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (Islamic Centre Of India) ने एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें मुसलमानों से ईद-उल-अजहा या बकरीद (Bakrid 2023) के दौरान जानवरों की बलि की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करने को कहा गया है.

इस्लामिक सेंटर के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली (Maulana Khalid Rasheed Firangi Mahali) ने अपनी सलाह में कहा कि समुदाय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केवल उन्हीं जानवरों की कुर्बानी दी जाए, जिन पर कानूनी प्रतिबंध नहीं है.

लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलवी ने कहा कि कुर्बानी करते समय कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखा जाना चाहिए. स्वच्छता सुनिश्चित की जानी चाहिए और कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर नहीं की जानी चाहिए. कुर्बानी किसी भी खुले स्थान या सड़क के किनारे या सार्वजनिक स्थानों पर नहीं की जानी चाहिए. कुर्बानी के बाद जानवर के अपशिष्ट को सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर नहीं फेंका जाना चाहिए, बल्कि नगर निगम के कूड़ेदान के अंदर रखा जाना चाहिए.

मौलवी ने कहा कि हमें कुर्बानी करते समय दूसरों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. बलिदान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बलि के जानवरों का खून नालियों में न बहाया जाए. उन्होंने अपनी एडवाइजरी में कहा कि जानवरों के मांस का वितरण ठीक से पैक करके किया जाना चाहिए और कुर्बानी के मांस का एक तिहाई हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों में बांटा जाना चाहिए.

29 जून को मनाई जाएगी बकरीद

बता दें कि माह-ए-जिलहिज्ज यानी इस्लामिक कैलेंडर का 12वां और आखिरी महीना होता है. इस्लाम धर्म के लिए ये महीना काफी खास माना जाता है. इसी महीने हज जैसी पवित्र तीर्थयात्रा पर लोग जाते हैं और कुर्बानी दी जाती है. महीने के 10वें दिन बकरीद मनाई जाती है. इस बार बकरीद 29 जून की तारीख मुकर्रर की गई है.

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