लखनऊ, यूनिफार्म सिविल कोड की कवायद शुरू होने पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य एवं ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड सभी धर्म के मानने वालों को नुकसान पहुंचाने वाला है। ये धर्म पर अमल करने में सबसे बड़ी रुकावट है।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने वीडियो जारी कर कहा कि सिर्फ मुस्लिम समाज के ही पर्सनल लॉ नही है बल्कि सभी धर्म के मानने वालों के अपने-अपने पर्सनल लॉ हैं। लिहाजा यूनिफार्म सिविल कोड सिर्फ मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने वाला नही है बल्कि सभी धर्म के मानने वालों को नुकसान पहुंचाने वाला है। मौलाना ने कहा कि भारत में हर 200 से 300 किमी पर संस्कृति बदल जातीहै।
भारत जैसे बहुधार्मिक व बहुसांस्कृतिक देश में यूनिफार्म सिविल कोड धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। मौलाना ने कहा कि संविधान ने सभी धर्म के मानने वालों को अपने धर्म और संस्कृति पर अमल करने की इजाजत दी है। यूनिफार्म सिविल कोड अपने धर्म और संस्कृति पर अमल करने में बड़ी रुकावट बनेग। मौलाना ने कहा कि सरकार से अपील है कि ऐसा कोई कानून नही बनाया जाएगा जो लोगों के धार्मिक और सामाजिक रीति रिवाजों और पंरपराओं को खत्म कर दे।