गाजियाबाद, राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक 5 साल की बच्ची में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण पाए पाए गए हैं. जिसके बाद निजी अस्पताल के अधिकारियों ने शुक्रवार को गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने हालांकि, मामले की पुष्टि नहीं की और बताया कि उन्होंने सैंपल इकट्ठा कर उन्हें परीक्षण के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे भेज दिया है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलर्ट किया है.
दरअसल, बच्ची को खुजली और रैशेज की शिकायत है. सीएमओ गाजियाबाद के मुताबिक, उसे कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है. ना ही उसने और उसके किसी करीबी ने पिछले 1 महीने में विदेश यात्रा की है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलर्ट किया है. मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई. यूपी के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में इस बीमारी के लक्षणों के संबंध में जानकारी दी गई.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में ये निर्देश दिए गए कि बुखार और शरीर पर चकत्ते हों तो संबंधित मरीज की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय के साथ साझा की जाए. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीजों के शरीर में छाले निकल आते हैं. मंकीपॉक्स पीड़ितों में ये लक्षण दो से चार हफ्ते तक रहते हैं. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को अफ्रीकी जंगली जंतुओं का मांस खाने या पकाने, या अफ्रीका के जंगली जानवरों से बने क्रीम, लोशन और पाउडर जैसे उत्पादों का उपयोग करने से दूर रहने का परामर्श दिया. मंत्रालय ने इसके अलावा, त्वचा पर घाव वाले या गुप्तांगों में घाव वाले बीमार लोगों के नजदीक जाने से बचने का भी परामर्श दिया.
मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किया गया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एक परामर्श शामिल किया गया है. इसमें यह सुझाव दिया गया है कि इन यात्रियों को मृत या जीवित चूहे, गिलहरी तथा बंदर सहित छोटे स्तनपायी जंतुओं के करीब जाने से बचना चाहिए. इसने बीमार लोगों द्वारा इस्तेमाल किये गये कपड़े, बिस्तर या स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग की गई सामग्री या संक्रमित जंतुओं के संपर्क में आये लोगों से दूर रहने की सलाह दी है. परामर्श में कहा गया है कि उन्हें सतर्क रहना चाहिए खासतौर पर उन देशों से आने वालों को जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं.