झुंझुनूं, गुढ़ागौड़जी थाना इलाके के स्टेट हाइवे नंबर 37 लीलों की ढाणी के पास आज हुए दर्दनाक हादसे में 11 जनों की जान चली गई. वहीं, पिकअप चालक समेत 8 जनें घायल हो गए।
देर शाम को 11 में से 10 मृतकों का एक ही चिता पर गमगीन माहौल के बीच अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, एक मृतक हरियाणा के नारनौल का रहने वाला था. जिसका शव उसके परिजन नारनौल ले गए. अंतिम संस्कार में सीएम के सलाहकार डॉ. जितेंद्रसिंह समेत अन्य पुलिस अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए. जिन्होंने इस हादसे को बड़ा दर्दनाक बताते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि परिवार को हर संभव मदद दी जाए और भविष्य में इस तरह के हादसे ना हो. इसके लिए प्रभावी योजनाएं बनाई जाए.
आपको बता दें कि आज हुए दर्दनाक हादसे में एक परिवार में एक केवल बेटी शेष बची है तो वहीं एक पूरा परिवार अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है. इसके अलावा एक मां-बेटे ने भी जान गंवाई है. आपको बता दें कि खेतड़ी के श्रीकृष्ण नगर तन बड़ाऊ निवासी गिरधारीलाल यादव की मृत्यु 15 दिन पहले गांव में हो गई थी. जिसके 15वें पर लोहार्गल में नहाने के लिए गिरधारीलाल के तीन बेटे कैलाश, सुमेर और कमलेश परिवार व रिश्तेदारों के साथ गए हुए थे. वापसी के वक्त लीलों की ढाणी के पास पिकअप अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़ी ट्रेक्टर ट्रॉली से टकराई और इसके बाद तीन-चार पलटियां खा गई. मौके पर ही आठ जनों की जान चली गई. इसके अलावा 11 घायलों को सबसे पहले निजी वाहनों और 108 एंबुलेंस की मदद से गुढ़ागौड़जी सीएचसी लाया गया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद सभी को झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल भेज दिया गया.
घटना की सूचना मिलने पर कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी, एसपी प्रदीप मोहन शर्मा, एएसपी डॉ. तेजपालसिंह, उदयपुरवाटी एसडीएम रामसिंह राजावत, युवा नेता संजय गुढ़ा समेत अन्य पहुंचे. उन्होंने मौका देखा और हालातों को समझा. इसके बाद गुढ़ागौड़जी मोर्चरी में रखे 8 मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंपे गए. इधर, झुंझुनूं में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले तीन शवों का एडीएम जेपी गौड़, सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर, एसडीएम शैलेश खैरवा तथा सिटी डीएसपी शंकरलाल छाबा की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंपे गए. देर शाम को सभी 11 शव गांव पहुंचे. इनमें से एक शव को उसके परिजन नारनौल हरियाणा ले गए. वहीं, 10 शवों का अंतिम संस्कार गांव में एक साथ एक ही चिता पर किया गया.
हादसे में परिवार का परिवार खत्म हो गया. ग्रामीणों के मुताबिक जिस गिरधारीलाल के निधन के 15वें पर लोहार्गल नहाने उसका बेटा सुमेर गया था. वह खुद भी हादसे में खत्म हो गया. इसके अलावा उसकी पत्नी 45 वर्षीया राजबाला, 17 वर्षीय बेटा राहुल तथा 20 वर्षीय बेटा कर्मवीर हादसे का शिकार हो गया. उसकी 22 वर्षीय बेटी दीपिका घर ही थी. जो अब परिवार में अकेली रह गई है. इसके अलावा 45 वर्षीया सावित्री पत्नी श्रवण तथा उसका 16 वर्षीय बेटा नरेश की भी हादसे में जान चली गई. वहीं, परिवार में नारनौल निवासी 20 वर्षीय बलबीर पुत्र रमेश डेढ़ महीने पहले ही गांव में खेती के काम में हाथ बंटाने के लिए आया था. वो भी इस हादसे का शिकार हो गया. इसके अलावा सुमेर का भाई 35 वर्षीय कैलाश की भी हादसे में मौत हो गई. जो अपने परिवार में अकेला ही था. उसकी पत्नी कई सालों पहले कैलाश से अलग हो गई थी. बच्चे नहीं थे. हादसे में मृतकों में 35 वर्षीय भंवरलाल पुत्र रिछपाल, 15 वर्षीय अर्पित पुत्र शिवकरण, 50 वर्षीय मनोहर पुत्र प्रभातराम भी शामिल है।
जिस पिकअप गाड़ी से यह परिवार लोहार्गल आया था. वो भी इसी परिवार के एक सदस्य की थी. जिसको पिकअप मालिक का भाई रिटायर्ड फौजी शिवकरण चला रहा था. शिवकरण का 15 साल का बेटा अर्पित भी पिकअप में ही था. अर्पित की सड़क हादसे में जान चली गई. वहीं, शिवकरण को गंभीर हालत में जयपुर रैफर किया गया.
इस हादसे में एक पूरा का पूरा परिवार अस्पताल में भर्ती है. ग्रामीणों के मुताबिक गिरधारीलाल का तीसरा बेटा कमलेश अपने परिवार सहित इस पिकअप में था. कमलेश और उसकी दो साल की बेटी प्रियंका तथा तीन साल का बेटा ऋतिक बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में भर्ती है. जबकि उसकी पत्नी उषा का इलाज सीकर में चल रहा है.
इस हादसे में घायल आठ जनों का झुंझुनूं, सीकर और जयपुर के अस्पतालों में इलाज चल रहा है. पिकअप चालक शिवकरण के अलावा 40 वर्षीया बिमला पत्नी खेमचंद, 60 वर्षीया जीवणी पत्नी रामजीलाल तथा 45 वर्षीया लक्ष्मी पत्नी सतवीर का इलाज जयपुर में चल रहा है. इसके अलावा उषा पत्नी कमलेश का इलाज सीकर तो कमलेश पुत्र गिरधारीलाल तथा कमलेश के दोनों बच्चों का इलाज झुंझुनूं के अस्पताल में चल रहा है.
पिकअप पलटने से मरने वालों में चार पढ़ने वाले बच्चे भी शामिल है. ग्रामीणों ने बताया कि नरेश बीए द्वितीय वर्ष में पढ़ाई करता है. कर्मवीर पुलिस की तैयारी कर रहा है. राहुल कक्षा 12वीं में पेपर दे रहा था. जबकि अर्पित कक्षा 6 में पढ़ता है. वहीं, नारनौल निवासी बलवीर अपनी बुआ के आया हुआ था. जो हादसे का शिकार हुआ है. इसके अलावा सुमेर, कैलाश, भंवरलाल, मनोहर खेती बाड़ी का काम करते हैं और राजबाला, सावित्री गृहिणी है.
गुढ़ागौड़जी में एक साथ 10 घायल आने पर अस्पताल में अफरा मफरी मच गई. घायलों को जमीन पर लैटाकर इलाज करना पड़ा. वहीं, चिकित्सकों व स्टाफ के भी एक बार हाथ पैर फूल गए, लेकिन चिकित्साकर्मियों ने प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को झुंझुनूं रैफर किया. वहीं, एक साथ आठ मौत होने के चलते शवों को रखने में भी परेशानी हुई. मोर्चरी में केवल चार-पांच शव ही रखे जा सके. इसके बाद मोर्चरी के पास कमरों में शेष शव रखवाए गए.
इधर, हादसे की सूचना मिलने पर पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया और मृतकों को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ना केवल श्रद्धांजलि दी. बल्कि उन्होंने बीडीके अस्पताल में मौजूद परिजनों से फोन पर बातचीत कर उनका ढांढ़स बंधाया और आश्वस्त किया कि वे उनके साथ खड़ी है. इसके बाद उन्होंने भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीवसिंह शेखावत को फोन पर घायलों की पूरी मदद करने के निर्देश दिए. शेखावत ने बताया कि वे कार्यकर्ताओं के साथ घायलों से मिले है और उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके इलाज में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.
हादसे की सूचना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सबसे पहले ट्विट कर हादसे पर अपनी श्रद्धांजलि दी. साथ ही उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला, सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्रसिंह गुढ़ा, सांसद नरेंद्र कुमार, सीएम सलाहकार डॉ. राजकुमार शर्मा, पिलानी विधायक जेपी चंदेलिया, जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, सीएम सलाहकार डॉ. जितेंद्रसिंह, नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुंडा आदि ने भी इस दर्दनाक हादसे पर शोक जताया है.
इधर, हादसे के बाद पीएमओ के ट्व्टिर हैंडल से भी ट्विट कर हादसे पर शोक जताया गया है. वहीं, पीएम रिलिफ फंड से मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रूपए तथा गंभीर घायलों को 50-50 हजार रूपए की सहायता तत्काल देने की घोषणा की गई है.
जयपुर में भर्ती चार घायलों से मिलने के सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्रसिंह गुढ़ा और कांग्रेस नेता डॉ. राजपालसिंह पहुंचे. उन्होंने घायलों की स्थिति जानी और चिकित्सकों को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की कोई कोताही ना बरती जाए. इसके अलावा यदि और हायर सेंटर में भेजने की आवश्यकता है तो निसंकोच रैफर कर दें. क्योंकि इन घायलों ने अपने पूरे के पूरे परिवार खोए हैं. इसलिए अब इनकी जान बचाने में किसी प्रकार के इलाज में कमी ना हो.