इस्लामाबाद, पाकिस्तान में मची सियासी उठापटक के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत मिली है. प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए बुलाए गए नेशनल असेंबली के सत्र की शुरुआत होने के तुरंत बाद ही कार्यवाही 3 अप्रैल 2022 तक के लिए स्थगित कर दी गई. अब रविवार को 12 बजे इस पर चर्चा होगी. दरअसल, विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की मांग की थी. बता दें कि नेशनल असेंबली सत्र को सदन के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी की अध्यक्षता में बुलाया गया था. नेशनल असेंबली में विपक्षी बेंच के 172 से अधिक सदस्य मौजूद हैं. पीटीआई के सहयोगियों MQM-P, BAP, JWP, बलूचिस्तान से निर्दलीय सांसद असलम भूतानी के विपक्ष के साथ जाने का फैसला करने के बाद पीएम इमरान खान निचले सदन में बहुमत खो दिया है.
बता दें कि नेशनल असेंबली के सत्र से पहले इमरान खान ने विपक्ष को बड़ा ऑफर तक दे दिया है. इमरान खान ने शहबाज शरीफ से कहा है कि अगर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लेता है तो वह नेशनल असेंबली को भंग कर देंगे. वहीं इमरान खान ने जनरल बाजवा से सम्मानजनक विदाई मांगी है. जियो न्यूज के सूत्रों के मुताबिक इमरान खान कुर्सी छोड़ने के साथ ही चुनाव कराना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि पाकिस्तान की आवाम उनके साथ है और चुनाव होते हैं तो वह और भी ताकतवर बनकर उभरेंगे.
पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार को बचाने के लिए पूरी जोरशोर से ताकत लगाई जा रही है. अब इमरान की सरकार बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. दरअसल, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को रोकने की मांग की गई है. पाकिस्तान की अराई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत में इमरान की उस चिट्ठी के रेफरेंस का हवाला दिया है, जिसमें कथित तौर पर उनकी सरकार को गिराने के लिए एक विदेशी साजिश की ओर इशारा किया गया था.
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए बुलाए गए नेशनल असेंबली सत्र से पहले आज विपक्षी नेताओं की बैठक के दौरान इमरान की ओर से दिए गए ऑफर पर विपक्ष ने चर्चा की. बैठक में कहा गया कि प्रधान मंत्री इमरान खान पाकिस्तान में गहराते राजनीतिक संकट के बीच सुरक्षित मार्ग तलाशने में जुटे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री इमरान खान ने ये भी कहा है कि अगर विपक्ष उनके सुझाव से सहमत नहीं है तो वह किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं.