नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि तूफान, बाढ़, आकाशीय बिजली या भूकंप जैसा कोई बाहरी प्राकृतिक कारण न हो तो आग लगने की घटना को भगवान का काम (Act of GOD) नहीं माना जा सकता है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक आदेश को रद करते हुए यह टिप्पणी की।
हाई कोर्ट ने एक कंपनी के वेयर हाउस में आग लगने को “भगवान का काम” बताया था। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने शराब बनाने वाली कंपनी को उत्पाद शुल्क से छूट देने का आदेश दिया था।
हालांकि, उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा-यह कोई ऐसा मामला नहीं है, जिसमें किसी प्राकृतिक घटना को आग लगने का कारण माना जाए। जब आकस्मिक रूप से कोई बाहरी प्राकृतिक कारण काम नहीं कर रहा है, तो फिर आग लगने को और चाहे जो कुछ माना जाए, लेकिन इसे भगवान का काम तो नहीं माना जा सकता है। आबकारी विभाग ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा मैकडोवेल कंपनी को उत्पाद शुल्क से छूट देने के आदेश को चुनौती दी थी।
शीर्ष अदालत ने कहा, यह बात ध्यान देने योग्य है कि आग लगने की घटना 10 अप्रैल, 2003 को दिन के लगभग एक बजे हुई थी। अगली सुबह पांच बजे अग्निशमन कर्मचारियों द्वारा इस पर काबू पाया जा सका। हमारे लिए यह मानना मुश्किल है कि आग और इसके चलते हुआ नुकसान किसी एजेंसी के नियंत्रण के बाहर था।