कोलकाता, कोरोना काल में पश्चिम बंगाल में गंगा सागर मेले और यूपी के प्रयागराज में माघ मेले ने नई फिक्र बढ़ा दी है. गंगा सागर मेले के लिए आए चार साधु कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इससे एक नया खतरा पैदा हो गया है. कल हाई कोर्ट ने शर्तों के साथ गंगासागर मेले की इजाजत दी थी.
पश्चिम बंगाल में गंगा सागर मेले में कल शाम तक कोरोना के जो 112 सैंपल लिए गए, उनमें 4 साधु पॉजिटिव पाए गए यानी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. अभी तो यहां लाखों श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान है. तब क्या हालात होंगे, कह नहीं सकते, लेकिन हैरानी की बात देखिए कि सीएम ममता बनर्जी एक तरफ मेले के आयोजन पर अड़ी रहीं–वहीं दूसरी तरफ कोरोनाकाल में डॉक्टरों की कमी का रोना भी रो रही हैं. ममता बनर्जी ने कहा, ”कोविड जैसे आ रहा है. अगर एक अस्पताल में 75 डॉक्टरों को कोविड हो गया तो हम ट्रीटमेंट कैसे करें.”
कलकत्ता हाईकोर्ट में गंगासागर मेले पर रोक लगाने के लिए याचिका दी गई थी, लेकिन उससे पहले ममता सरकार ने अदालत में हलफनामा देकर अड़ंगा लगा दिया और कह दिया कि टेस्टिंग से लेकर वैक्सीनेशन तक मेले में सारे इंतजाम होंगे. कोरोना फैलने नहीं देंगे, जिसके बाद हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ इस मेले की इजाजत दे दी।
कोर्ट ने कह दिया कि पश्चिम बंगाल के गृह सचिव सुनिश्चित करेंगे की मेले के दौरान कोरोना मानकों का पूरी तरह पालन हो. कोर्ट ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है, जो इस बात पर नजर रखेगी कि नियमों का पालन हो भी रहा है या नहीं।
कोरोनाकाल में जैसी चिंता गंगा सागर मेले को लेकर है, कुछ वैसी ही यूपी के प्रयागराज में 14 जनवरी से होने जा रहे माघ मेले को लेकर भी है. चुनावी मौसम में राज्य सरकार तो इस मेले को टालने का साहस नहीं दिखा पाई लेकिन मेले की व्यवस्था में जुटे अधिकारी अब हाथ खड़े करने लगे हैं. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना फैलने की घटना को कौन भुला सकता है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि उससे न यूपी सरकार ने और न ही बंगाल सरकार ने कोई सबक लिया है।