क्या जितेंद्र नारायण त्यागी फिर से बनेगा वसीम रिज़वी ? जानिये आखिर क्यों उठ रहे हैं इस तरह के सवाल

लखनऊ,  एक बार फिर वसीम रिजवी मुसलमान से हिन्दू बने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को लेकर के बड़ी चर्चा बनी हुई है क्या यह फिर से मुसलमान होने की फिराक में है क्योंकि जितेंद्र नारायण त्यागी ने शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड में जाकर हाथ का लिखा हुआ एक पत्र शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी को सौंपा था। जिसमें उन्होंने यह लिखा था कि हम शिया वक्फ की हर मुतवल्लीशिप से इस्तीफा दे रहे है व वक्फ बोर्ड के मेम्बरशिप से भी इस्तीफा दे रहे है।

गौरतलब है कि अली जैदी को अपना इस्तीफा देने के बाद भी जितेंद्र नारायण जहां जहां मुतवल्ली रहे है जैसे जानुद्दौला कर्बला, हाजी मसिता, मलका जहां कर्बला का अभी तक के जितेंद्र नारायण त्यागी ने चार्ज श्यिा सेंट्रल वक्फ बोर्ड को नहीं सौंपा है और यही नहीं शिया वक्फ बोर्ड की मेम्बरशिप का इस्तीफा राज्यपाल को दिया जाता है वह भी जितेंद्र त्यागी ने अभी तक नहीं भेजा है और लोगों का यह भी कहना है कि जब कोई अपना नाम बदलता है तो जिसका पेपर में गजट करवाता है व स्थानीय डीएम को इसकी सूचना लिखित रूप में देता है। जिसको लेकर के जितेंद्र नारायण त्यागी चर्चा का विषय बने हुए है।

लोगों का कहना है कि पेपर में अपने नाम बदलने का गजट न करवाना और मुतवल्लीशिप से हर जगह का चार्ज न देना यह शक के दायरे में आता है। लोगों का यह भी कहना है कि क्या जितेंद्र नारायण त्यागी यूपी के विधानसभा के चुनाव का इंतजार कर रहे है। जिसकी वजह से चार्ज व इस्तीफा नहीं दे रहे है। तालकटोरा के सामने हाजी मसिता में आज दोबारा कुछ लोगों द्वारा फिर से कब्जा करने की कोशिश की गयी थी जिसमें टैक्टर वगैरह आकर के काम शुरू कर दिया गया था।

जिसको लेकर के शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी ने शासन-प्रशासन से बात करके हाजी मसिता पर हो रहे अवैध कब्जे को रूकवाया, हालांकि अभी हाल में जितेंद्र नारायण त्यागी वहां के मुतवल्ली है। हालांकि अली जैदी हाजी मसिता में जल्द ही कोई मुतवल्ली नियुक्त करके जो लोग वहां पर अवैध कब्जा करना चाह रहे है उनके अरमानों पर पानी फेरने की तैयारी में है।

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