लखनऊ, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी इस्लाम धर्म छोड़कर ने आधिकारिक रूप से हिन्दू धर्म अपना लिया. आज गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में शामिल कराया रिज़वी का नया नाम हरबीर नारायण सिंह त्यागी रखा गया।
हरबीर नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं।
हरबीर नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने इस मौके पर कहा, ”धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन-सा धर्म स्वीकार करूं. सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है, जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, और किसी धर्म में नहीं हैं. इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते. हर जुमे को नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिए जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में हमको कोई मुसलमान कहे, हमको खुद शर्म आती है.”
हरबीर नारायण सिंह त्यागी उर्फ रिज़वी ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि वह सोमवार को इस्लाम छोड़ सनातन धर्म में शामिल होंगे. इस मौके पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं, वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे.
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन हरबीर नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने ऐलान किया था कि वह इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपनाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि डासना की देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती उन्हें सनातन धर्म में शामिल करवाएंगे.
बता दें कि पिछले ही दिनों हरबीर नारायण सिंह त्यागी ने अपनी वसीयत सार्वजनिक की थी. इसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए और उनके शरीर को जलाया जाए. हरबीर नारायण सिंह त्यागी ने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें. वसीम रिजवी ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनके मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा. इसलिए उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में जलाया जाए।
इस्लाम में रिफॉर्म में मांग कर चुके हरबीर नारायण सिंह त्यागी अपने बयानों और गतिविधियों की वजह से चर्चा में रहते हैं. उनका दावा है कि इस वजह से उन्हें कई बार धमकियां भी मिल चुकी है. हरबीर नारायण सिंह त्यागी ने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर अदालत में सुनवाई हुई लेकिन उनकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया.