नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा बयान दिया है. सीतारमण ने आज राज्यसभा में कहा है कि सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल पेश करने जा रही है।
वित्त मंत्री ने संसद में बताया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेगुलेशन पर विस्तार में चर्चा की गई है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने यह महत्वपूर्ण बयान राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान दिया है. उन्होंने कहा कि यह जोखिम वाला क्षेत्र है और पूरे रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में नहीं है. उन्होंने आगे बताया कि इसके विज्ञापन को बैन करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. RBI और सेबी के जरिए जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाए गए हैं. वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार जल्द ही बिल पेश करेगी.
निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो के विज्ञापनों पर कहा कि यहां ASCI हैं, जो विज्ञापनों को नियंत्रित करती हैं. उन्होंने कहा कि इसके सभी नियमों को देखा जा रहा है, जिससे वे यह तय कर सकें कि विज्ञापनों पर क्या किया जा सकता है. उन्होंने संसद में बताया कि सरकार जल्द बिल कैबिनेट से बिल पारित करने के बाद उसे लाएगी. इसे पिछली बार इसलिए नहीं लाया गया था क्योंकि कुछ दूसरी चीजें थीं, जिन्हें देखा जाना था. तेजी से बहुत सी चीजें इस मामले में आ गई हैं. वित्त मंत्री ने बताया कि मकसद बिल में सुधार करने का था.
सीतारमण ने कहा कि वे इस स्थिति में हैं कि सरकार संसद में बिल लाने के बेहद करीब है. पिछले बिल पर दोबारा काम किया गया है. उन्होंने बताया कि आने वाला बिल नया बिल है. क्रिप्टोकरेंसी से गलत कामों के जो जोखिम हैं, सरकार इस पर नजदीकी से निगरानी कर रही है.
लोकसभा में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ और स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत में बिटकॉइन को करेंसी के रूप में मान्यता देने का सरकार का कोई इरादा नहीं है. वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि सरकार देश में बिटकॉइन एक्सचेंज के जरिए हो रही लेनदेन का कोई डेटा नहीं रखती.
बताते चलें कि सरकार संसद के मौजूदा सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल पेश कर सकती है. जिसमें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने और सिर्फ RBI द्वारा जारी किए गए डिजिटल करेंसी को मान्यता देने की बात कही जा रही है. बता दें कि है कि आरबीआई के एक अधिकारी ने कहा था कि अगले साल भारत में केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित सीबीडीटी (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) लॉन्च की जा सकती है. ये करेंसी डिजिटल या वर्चुअल हो सकती है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करने के लिए कहा गया था. इस प्रस्ताव में डिजिटल करेंसी को मान्यता देने के लिए बैंक नोट की परिभाषा के दायरे को बढ़ाने की बात कही गई थी. दरअसल, आरबीआई की इच्छा है कि भारत में डिजिटल करेंसी को भी बैंक नोट की परिभाषा में शामिल करके इसे डिजिटल रुपये के रूप में मान्यता दी जाए।