मास्क और बूस्टर डोज़ हैं कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन से लड़ने के हथियार

नई दिल्ली, दक्षिण अफ्रीका में आए कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन ने दुनिया के कई देशों की चिंता बढ़ा दी है। अभी तक 330 प्रकार के कोरोना के वैरिएंट चिन्हित किए गए हैं। हालांकि यह सभी तरह के वैरिएंट में से 70-80 फीसद पर देशवासियों को लगाए गए टीके कारगर साबित हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर कोई जिनती जल्दी हो सके कोरोना की दोनों डोज लगवा ले।

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बड़ों से ही बच्चों में इंफेक्शन फैलने का डर रहता है। ऐसे में अगर बड़े दोनों डोज लगवा लिए रहेंगे तो वे व उनके बच्चे भी सुरक्षित हो सकते हैं। इसके साथ ही एक्सपर्टा का मानना है कि अगर बूस्टर डोज लग जाएं तो नए वैरिएंट से लड़ने में भी इम्यूनीटी और मजबूत हो सकती है। इसके साथ ही हम सभी को मास्क लगाना बहुत जरूरी है।

स्वास्थ एक्सपर्ट का कहना है कि जो भी दक्षिण अफ्रीका या उससे संपर्क देश से आए उसे हर हाल में तीन दिन क्वारंटाइन करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस वैरिएंट में फैलाव की क्षमता अधिक है। हालांकि जिन लोगों ने कोरोना की दोनों डोज लगवा ली है वे काफी हद तक सुरक्षित हो गए हैं।

एक्सपर्ट ने बताया कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर में जो भी दवाएं या इंजेक्शन का उपयोग हुआ है वे सभी आउटडेटेड हो गई हैं। इस बार नई दवाओं के लिए गाइड लाइन जारी हो सकती है।

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