ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में पिछले 500 सालों के इतिहास में पहली बार बाढ़ भीषण तबाही मचा रहा है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में ‘पूर्वोत्तर प्रशांत’ तूफान की वजह से प्रलय जैसे हालात बन गये हैं और भारी बारिश की वजह से भीषण बाढ़ में लाखों लोग घिर गये हैं।
रिकॉर्ड बारिश की वजह से दर्जनों पुल टूट चुके हैं, सकड़ें जलमग्न हैं और हजारों मवेशियों की मौत अब तक हो चुकी है। इसके साथ ही लोगों की जिंदगी बचाने के लिए अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है तो दूसरी तरफ हजारों लोगों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है।
रिकॉर्डतोड़ बारिश और भीषण बाढ़ की वजह ले ब्रिटिश कोलंबिया में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। अधिकारियों ने कहा है कि, भीषण बारिश और बाढ़ की वजह से कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह से टूट गई हैं और सड़कें पूरी तरह से डूबी हुई हैं। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि, भीषण बाढ़ की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत होने की आशंका है। शनिवार और सोमवार के बीच भारी बारिश के बाद सिर्फ दो दिनों के अंदर एक महीने से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। खासकर ग्रामीण इलाकों में किसानों ने नावों और जेट के सहारे अपनी और मवेशियों की जान बचाने की कोशिश की है। वहीं, अधिकारियों ने आपातकालीन स्थिति में लोगों से जरूरत से ज्यादा सामान नहीं खरीदने के लिए कहा है।
ब्रिटिश कोलंबिया के अधिकारियों ने कहा है कि, कई सौ सालों के बाद शायद इतनी मूसलाधार बारिश हुई है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई है। एक अधिकारी ने कहा कि, इतनी बारिश शायद ईशापूर्व शताब्दियों में हुई होगी, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई होगी। वहीं, भयानक हालात को देखते हुए ब्रिटिश कोलंबिया में सैन्य कर्मियों को राहत और बचाव कार्य के लिए लगाया गया है और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने विकराल हालात के बीच लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है और फौरन जरूरी मदद लोगों को मुहैया कराने की बात कही है।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि, विकराल स्थिति से निपटने के लिए लोगों की पूरी मदद की जाएगी। कनाडा सरकार ने कहा कि वह इस आपदा से लोगों को बाहर निकालने और आपूर्ति लाइनों को फिर से बहाल करने की कोशिश कर रहे है और पूरे क्षेत्र में एयरफोर्स की मदद से लोगों की जान बचाने की कोशिश की जा रही है। वहीं, भीषण बाढ़ की वजह से लोगों को कोरोना वायरस की खुराक भी नहीं दी जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, वायुसेना ने एक हाईवे पर फंसे करीब 300 लोगों को बाहर निकाला है, जो रविवार को भूस्खलन के बाद अपनी अपनी कारों में फंस गये थे। वहीं, ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर जॉन होर्गन ने कहा कि, “हम आने वाले दिनों में और भी अधिक मौतों की पुष्टि करने की उम्मीद करते हैं।
शनिवार से सोमवार के बीच दक्षिणी ब्रिटिश कोलंबिया में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद ब्रिटिश कोलंबिया की निचली मुख्य भूमि और राज्य के अंदरूनी हिस्सों के बीच हर प्रमुख राज मार्ग ध्वस्त हो गये हैं और भूस्खलन की वजह से सैकड़ों जगह सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी हैं, जिससे सड़क मार्ग से संपर्क टूट चुके हैं। सोमवार देर रात हुए भूस्खलन में एक महिला का शव बरामद किया गया है। कनाडाई सैनिकों की एक टीम गुरुवार को ब्रिटिश कोलंबिया में स्थानीय अधिकारियों की मदद करने के लिए पहुंची थी, जो बाढ़ और भूस्खलन से निपटने में लोगों की मदद कर रहे थे और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कोशिश कर रहे थे।
अधिकारियों ने कहा है कि, अब तक हजारों जानवरों की मौत हो चुकी है। ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर जॉन होर्गन ने 48 घंटों से अधिक समय तक प्रांत के दक्षिण में रिकॉर्ड बारिश के बाद आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। ब्रिटिश कोलंबिया के अधिकारी निवासियों से भोजन और किराने का सामान ज्यादा नहीं खरीदने और धैर्य बनाने की अपील कर रहे हैं। प्रीमियर जॉन होर्गन ने कहा कि, ”’कृपया, वस्तुओं की जमाखोरी न करें। जो आपको चाहिए, वो आपके पड़ोसियों को भी चाहिए।” रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश कोलंबिया का तीसरा सबसे बड़ा शबर वैंकूवर का संपर्क प्रांत के दूसरे शहरों से कट गया है और दूसरे रास्ते भूस्खलन की वजह से कट गए हैं।
वहीं, एबॉट्सफ़ोर्ड शहर में पानी पूरी तरह से भरा हुआ है, जिसकी वजह से शहर के अंदर किसी भी आवश्यक सेवाओं की सप्लाई नहीं हो पा रही है और शहर में दूध और दवाई जैसे जरूरी सामानों की सप्लाई नहीं हो पा रही है। टिश कोलंबिया डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष होल्गर श्विचेनबर्ग ने कहा कि, ”ये रूकावट कम वक्त के लिए है और हम जल्द से जल्द दुग्ध सामग्रियों की सप्लाई शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं”।
वहीं, श्विचेनबर्ग ने कहा कि, 59 डेयरी फार्मों के लोगों को अपनी गायों को बचाने के लिए भारी संघर्ष करना पड़ा है। वहीं, कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें लोगों को अपने पालतू पशुओं को बचाने के लिए संघर्ष करते हुए देखा जा रहा है। एबॉट्सफोर्ड के मेयर हेनरी ब्राउन ने कहा कि, उन्होंने सुना है कि बाढ़ वाले इलाके में करीब 2,000 गायों की मौत हो गई है।