लखीमपुर कांड की जांच होगी रिटायर्ड जज की निगरानी में, सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को लखीमपुर खीरी मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह जिसे उचित समझे एसआईटी जांच की निगरानी के लिए नियुक्त कर सकता है।

कोर्ट ने निगरानी के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश का नाम तय करने और संबंधित न्यायाधीश से सहमति लेने के लिए सुनवाई बुधवार तक के लिए टाल दी है।

इसके लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन समेत अन्य पर विचार किया जा रहा है। राज्य से कुछ और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी एसआईटी में शामिल करने को कहा गया है।

पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने पूछा था कि क्यों न मामले की जांच राज्य से बाहर के हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज से करवाई जाए। लखीमपुर खीरी में वाहन से कुचलकर पांच लोगों की मौत हो गई थी। बाद में भीड़ की पिटाई के कारण तीन अन्य लोगों की भी मृत्यु हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्र सहित 13 लोग जेल में हैं।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में चल रही जांच की निगरानी के लिए उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने के लिए पूछा था, जबकि मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच पर असंतोष व्यक्त किया था। अदालत ने कहा था कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि मामले में सबूतों का मिश्रण नहीं है, हम लखीमपुर खीरी मामले की जांच की निगरानी के लिए एक अलग उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने के इच्छुक हैं। पीठ ने कहा था कि जांच उस तरह से नहीं हो रही है जैसी हमने उम्मीद की थी।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में पिछले महीने तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान चार किसान, एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। बहराइच जिले के नानपारा निवासी जगजीत सिंह की तहरीर पर आशीष मिश्र समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में 13 आरोपित जेल में हैं। दूसरे पक्ष से सभासद सुमित जायसवाल की तहरीर पर 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें चार आरोपित जेल में हैं।

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