



मेरठ। गांधी बाग के पीछे सब एरिया कैंटीन परिसर स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के दो और लोहियानगर के एक एटीएम से बिना खुले, बिना टूटे ही 68 लाख की रकम गायब कर दी गई।
यह रकम एटीएम में नकदी डालने वाले सिक्योर वैल्यू कंपनियों के कर्मचारियों ने निकाली है। पुलिस ने तीन कर्मचारियों को पकड़कर 5 लाख रुपये की नकदी बरामद कर ली है।
पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि कंपनी की तरफ से तनख्वाह नहीं देने पर एटीएम से रकम निकाली गई थी। हाल में सिक्योर वैल्यू कंपनी से एटीएम में पैसा डालने का टेंडर हटा कर हिताची पेमेंट सर्विसेज़ कंपनी को दिया गया। उक्त कंपनी ने सभी एटीएम में नकदी की जांच की। तब तीन एटीएम मशीन में उक्त रकम कम मिली थी। उसके बाद ही मामला पुलिस तक पहुंचा।
एसबीआइ के सभी एटीएम में नकदी डालने का काम सिक्योर वैल्यू कंपनी पर था। लगातार कंपनी की शिकायत मिलने पर एसबीआइ ने यह टेंडर हिताची पेमेंट सर्विसेज़ कंपनी को दे दिया। हिताची कंपनी ने सिक्योर वैल्यू की तरफ से एमटीएम में बताई गई नकदी का मिलान किया।
हिताची कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ करते सीओ कैंट संतोष कुमार।
जांच में सामने आया कि 17 फरवरी को सदर बाजार थाना के छावनी क्षेत्र में उमराव एन्क्लेव स्थित गुरुद्वारा के पास स्थित एटीएम में 23 लाख और सब एरिया कैंटीन परिसर स्थित एटीएम में 14 लाख की नकदी डाली गई थी। हिताची कंपनी के पदाधिकारियों की जांच में रकम कम मिली। अन्य एटीएम की जांच की गई तो लोहियानगर क्षेत्र में भी एक एटीएम में 31 लाख की रकम कम मिली।
तब पुलिस से मामले की शिकायत की। उसके बाद सीओ संतोष कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन कर मामले की जांच की गई। पता चला कि सिक्योर वैल्यू कंपनी के कर्मचारियों ने ही तीनों एटीएम से करीब 68 लाख रुपये की नकदी निकाली हैं। पुलिस ने कंपनी के तीन कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पांच लाख की नकदी बरामद कर ली।
ऐसे खोला जाता है लाक
पुलिस के मुताबिक, एटीएम में रकम की दो लेयर से सुरक्षा की जाती है। रकम डालने के दौरान पहले नार्मल लाक खोला जाता है। इस लाक की डुप्लीकेट चाबी बनाई जा सकती है। उसके अंदर डायनेमिक लाक होता है, जिसका कोड ही 24 अंकों का होता है।
वह कोड एजेंसी उस कर्मचारी को ही देती है, जो रकम डालने आता है। अक्सर इस कोड को बदल दिया जाता है। सिक्योर वैल्यू कंपनी के कर्मचारी ने नार्मल लाक की डुप्लीकेट चाबी बनाकर कोड से डायनेमिक लाक को खोलकर रकम उड़ाई है। यह चोरी हमेशा रकम डालने वाली कंपनी का कर्मचारी ही कर सकता है।
सिक्योर वैल्यू कंपनी के कर्मचारियों ने ही चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पांच लाख की रकम बरामद भी कर ली गई है। -संतोष कुमार, सीओ कैंट