बच्चे के पेट से पेचकस, ब्लेड, नट-बोल्ट और बैट्री सहित निकलीं 65 चीजें, 5 घंटे चला ऑपरेशन, फिर भी नहीं बच पायी जान

हाथरस, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक बच्चे का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में करीब 5 घंटे तक ऑपरेशन किया गया. इस दौरान उसके पेट से बैटरी, रेजर ब्लेड और नट-बोल्ट सहित कुल 65 चीजें निकाली गईं.

हालांकि इस दौरान बच्चे की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि लड़के की पहचान आदित्य शर्मा के रूप में हुई है, जो कक्षा 9 का छात्र था, जो कि हाथरस का रहने वाला था और उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आंतों के संक्रमण के कारण उसकी मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि बच्चे ने इन सभी वस्तुओं को निगल लिया होगा.

लड़के के पिता, संचेत शर्मा, जो खुद हाथरस में एक फार्मा कंपनी में एमआर हैं, उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने 13 अक्टूबर को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की जिसके बाद उसे आगरा के एक अस्पताल में ले जाया गया. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, लड़के के माता-पिता अपने बेटे की बीमारी का इलाज ढूंढने के लिए उसे जयपुर, अलीगढ़, नोएडा और दिल्ली सहित चार शहरों में ले गए. टीओआई की रिपोर्ट में पिता के हवाले से कहा गया है, “यह सब एक महीने के भीतर हुआ. उसे पहले कभी कोई शारीरिक या मानसिक बीमारी नहीं थी.”

माता-पिता आदित्य को आगरा, जहां से उसे जयपुर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां कुछ मेडिकल टेस्ट और स्कैन किए गए, जिसके बाद वे 19 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश लौट आए. टीओआई ने शर्मा के हवाले से कहा कि आदित्य की सांस लेने की समस्या फिर से उभरने में ज्यादा समय नहीं लगा, जिसके बाद उनके माता-पिता उन्हें तुरंत अलीगढ़ के एक अस्पताल ले गए, जहां सीटी स्कैन से पता चला कि उसकी “नाक में रुकावट” थी, जिसे डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक हटा दिया.

इस बीत आदित्य को पेट में दर्द होना शुरू हो गया तो परिजनों ने अलीगढ़ में अल्ट्रासाउंड कराया. पिता ने बताया, ‘बेटे को तुरंत नोएडा के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया और हम उसे उसी दिन वहां ले गए. नोएडा में, डॉक्टरों को पेट में 42 वस्तुएं मिलीं और उन्होंने तत्काल ऑपरेशन करने की बात की. बाद में आदित्य को राष्ट्रीय राजधानी के सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया, जहां एक स्कैन में “कुल 65 वस्तुओं” की पहचान की गई. परिवार के अनुसार, आदित्य की दिल की धड़कन भी 280 बीट प्रति मिनट दर्ज की गई थी.

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