उत्तर प्रदेश के 15 बस डिपो सौंपे गए हाथों में, टेंडर के जरिए हुआ आवंटन, जानिए सरकार ने क्यों किया ऐसा

लखनऊ, अवध डिपो सहित रोडवेज ने पंद्रह डिपो निजी हाथों में सौंप दिए हैं। इन डिपो में बसों की मेंटीनेंस का काम अब निजी कंपनियां देखेंगी। अवध डिपो के अतिरिक्त नजीबाबाद, हरदोई, जीरो रोड, ताज डिपो, देवरिया, साहिबाबाद, वाराणसी कैंट, सुल्तानपुर, झांसी, बलिया, बांदा, बदायूं, हटावा और बलरामपुर डिपो शामिल हैं।

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि रोडवेज कार्यशालाओं की दक्षता बढ़ाने के मंतव्य से 19 डिपो के वर्कशॉप को आउटसोर्सिंग के जरिए टेंडर किया गया था।

इसमें 15 डिपो की निविदा को अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 15 डिपो में कुल 1,255 बसों के लिए दरें 3ः57 रुपये प्रति किमी से लेकर 5ः48 रुपये तक प्राप्त हुए हैं। इस निविदा के जरिये से इन डिपो की वर्कशॉप में बसों की मरम्मत का काम निजी कंपनियों को दिया गया है।

इसमें मुख्य रूप से श्याम इंटरप्राइजेज, एसडीएल एंटरप्राइजेज, आरके ऑटोमोबाइल शामिल हैं। इनकी कार्यप्रणाली को देखने के बाद शेष सौ डिपो में बसों की मेंटीनेंस का काम भी निजी कंपनियों को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यशालाओं में तकनीकी कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी के कारण परिवहन निगम की बसों में मेंटीनेंस की समस्या देखने को मिल रही है। प्राइवेट कंपिनयां अच्छी गुणवत्ता के साथ बसों की मेंटीनेंस करेंगी।

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