लखनऊ, उत्तर प्रदेश के चार जिलों मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर और शामली में 10 से 15 साल पुराने वाहनों के संचालन पर रोक लग सकती है। यूपी के पर्यावरण एवं वन, जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने अफसरों को निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने कहा कि 10 साल पुराने डीजल के वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहनों के संचालन पर सख्ती से रोक लगाई जाए। कहा कि पुराने वाहन को स्क्रैप में डाला जाए। उन्होंने लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता जताई। प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण विभाग को मिलकर काम करने पर जोर दिया। उधर, अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने कहा कि शहरी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा सीएनजी/इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग किया जाए।गुरुवार को विकास भवन सभागार में प्रदेश के पर्यावरण एवं वन, जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. अरुण कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर एवं शामली में वायु प्रदूषण नियंत्रण की कार्रवाई की समीक्षा की गई। मंत्री ने मेरठ, बागपत मुजफ्फरनगर एवं शामली जिलों में वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए और एनसीआर में वर्तमान में लागू ग्रैप के प्रावधानों के अनुपालन में अभी तक संबंधित विभागों द्वारा की गई कार्रवाई पर नाराजगी जताई। उन्होंने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाईनिंग एरिया से जारी निर्देशों का सख्ती से अनुपालन किये जाने के निर्देश दिये।
कैंट विधायक अमित अग्रवाल, डीएम दीपक मीणा, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नारायणी भाटिया, डीएफओ राजेश कुमार, एसपी ट्रैफिक राघवेन्द्र मिश्रा, एसडीएम सरधना महेश दीक्षित, एसडीएम सदर कंडारकर कमल किशोर देशभूषण, अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, जिला सूचना अधिकारी सुमित कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भुवन प्रकाश यादव सहित अन्य संबंधित अधिकारी व बागपत, मुजफ्फरनगर, एवं शामली के संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह ने एनसीआर में ग्रैप लागू होने के पश्चात विभागों की ओर से अब तक की कार्रवाई पर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्माण इकाइयों को अपने-अपने प्रोजेक्ट स्थल एवं उनके आसपास के क्षेत्र में व्यापक रूप से धूल नियंत्रण एवं पानी का समुचित छिड़काव सुनिश्चित करने के लिए एंटी स्मोग गन, वाटर टैंकर से लगातार पानी का छिड़काव करने एवं नगर निगम को शहरी क्षेत्र में सड़को की मशीनों द्वारा सफाई किये जाने के निर्देश दिए।
उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव ने सभी जिलों के उत्तरदायी अधिकारियों को कमीशन फॉर ऐयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन एनसीआर एंड एडज्वाईनिंग ऐरिया को लेकर जारी निर्देशों का प्रजेन्टेशन देकर जानकारी दी।