नई दिल्ली, मंडी से BJP सांसद कंगना रनौत एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं. ऐसा लगता है कि भाजपा सांसद और विवादों का चोली-दामन का साथ हो गया है. इस बार उन्होंने महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बारे में एक सोशल मीडिया पोस्ट करके एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया.
कुछ दिनों पहले किसानों के विरोध प्रदर्शन पर अपने बयान के लिए आलोचनाओं का सामना करने वाली कंगना ने शास्त्री की 120वीं जयंती पर एक पोस्ट के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी, जो राष्ट्रपिता के रूप में महात्मा गांधी के कद को कमतर आंकने वाला लगा.
रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर लिखा, “देश के पिता नहीं, देश के तो लाल होते हैं. धन्य हैं भारत माता के ये लाल.” एक फॉलो-अप पोस्ट में, उन्होंने देश में स्वच्छता पर महात्मा गांधी की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया. लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी पर पोस्ट ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद के लिए एक और विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने गांधी पर रनौत के “अश्लील कटाक्ष” की आलोचना की है.
श्रीनेत ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भाजपा सांसद कंगना ने महात्मा गांधी की जयंती पर यह अभद्र कटाक्ष किया. गोडसे के उपासक बापू और शास्त्री जी में अंतर करते हैं. क्या नरेंद्र मोदी अपनी पार्टी के नए गोडसे भक्त को पूरे दिल से माफ करेंगे? राष्ट्रपिता हैं, बेटे हैं और शहीद हैं. हर कोई सम्मान का हकदार है.” मार्च में, श्रीनेत खुद कंगना के बारे में एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर लोकसभा चुनाव से पहले विवादों में घिर गई थीं.
पंजाब के एक वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया ने भी रनौत की उनकी हालिया टिप्पणी की आलोचना की. कालिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, “मैं गांधी जी की 155वीं जयंती पर कंगना रनौत की टिप्पणियों की निंदा करता हूं. अपने छोटे-से राजनीतिक करियर में, उन्हें विवादास्पद बयान देने की आदत हो गई है.” उन्होंने कहा, “राजनीति उनका क्षेत्र नहीं है. राजनीति एक गंभीर मामला है. बोलने से पहले सोचना चाहिए… उनकी विवादास्पद टिप्पणी पार्टी के लिए परेशानी का कारण बनती है.”
पिछले महीने ही रनौत को 2021 में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों की वापसी की वकालत करने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. जून में सांसद के रूप में चुने गए अभिनेता ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन “भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति” पैदा कर रहा है, उन्होंने दावा किया कि विरोध स्थलों पर “लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे”. बाद में रनौत ने अपने बयान को वापस लेते हुए स्वीकार किया कि उन्हें याद रखना चाहिए कि वह केवल एक कलाकार नहीं हैं, बल्कि भाजपा की सदस्य भी हैं.